मन की क्षमता एवं सामर्थ्य बढ़ने के लिए कुछ अभ्यास किए जा सकते हैं; जैसे
- अखंड ज्योति, जून २०११ के लेख कैसे बढ़े मन की सामर्थ्य(पृष्ठ १९-२०) से संकलित-सम्पादित
- नियमित स्वाध्याय - इसके लिए आप प्रेरणादायक पुस्तकों को पढ़ें, समझें और चिंतन-मनन करें।
- सत्संग - अच्छे विचारों के सतत संपर्क में रहना, आपको कहीं से भी मन को ऊपर उठाने वाले विचार मिलें, तो आप उनके संपर्क में रहें।
- स्वसंकेत - अच्छे विचारों को बार-बार मन में पूरे विश्वास के साथ दोहराना, जैसे आप स्वयं से बार-बार यह कह सकते हैं की आपकी सामर्थ्य बढ़ रही है और आप सब कुछ करने में सक्षम हैं।
- पौष्टिक आहार - यह आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी उत्साहित रखेगा।
- पर्याप्त श्रम - शारीरिक एवं मानसिक रूप से किए जाने वाले कार्य शारीर एवं मन की संतुष्टि प्रदान करते हैं एवं अपनी सामर्थ्य बढ़ाते हैं।
- उपसना - इसकी शुरुआत आप अपनी दिनचर्या में थोड़े समय की पूजा से कर सकते हैं, जिसमें आपको ईश्वरीय सत्ता के प्रति मन को तल्लीन करना है, इसके लिए जप, ध्यान, प्राणायाम या अन्य किसी भी तरह की विधि को अपना सकते हैं।
- अखंड ज्योति, जून २०११ के लेख कैसे बढ़े मन की सामर्थ्य(पृष्ठ १९-२०) से संकलित-सम्पादित