ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
उस प्राण स्वरुप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अंतरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।

Friday 8 February, 2013

दूसरों पर आश्रित न हो

दूसरों से यह अपेक्षा करना की सभी हमारे होंगे और हमारे कहे अनुसार चलेंगे, मानसिक तनाव बने रहने का, निरर्थक उलझनों में फंसे रहने का मुख्य कारण है। इससे छुटकारा पाने के लिए यह आवश्यक है कि हम चुपचाप शांतिपूर्वक अपना काम करते चलें और लोगों को अपने हिसाब से चलने दें। किसी व्यक्ति पर हावी होने की  कोशिश न करें और न ही हर किसी को खुश करने के चक्कर में अपने अमूल्य समय और शक्ति का अपव्यय ही करें।

 - पं श्रीराम शर्मा 'आचार्य'
हारिये न हिम्मत, पृष्ठ 30 से उधृत

No comments: