ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
उस प्राण स्वरुप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अंतरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।

Sunday 13 March, 2011

इच्छा शक्ति

संसार की सारी सफलताओं का मूलमंत्र है - प्रबल इच्छा शक्ति। इसी के बल पर विद्या, संपत्ति और साधनों का उपार्जन होता है। यही वह आधार है जिस पर आध्यात्मिक तपस्याएँ और साधनाएँ निर्भर रहती हैं। यही वह दिव्य संबल है, जिसे पाकर संसार में खाली हाथ आया मनुष्य वैभवशाली बनकर संसार को चकित कर देता है। यही वह मोहक और वशीकरण मंत्र है, जिसके बल पर एक अकेला पुरुष कोटि-कोटि जनगण को अपना अनुयायी बना लेता है।

 - पं श्रीराम शर्मा आचार्य

No comments: